नई दिल्ली – राज्यसभा में विपक्ष के निरंतर विरोध के बीच आज “कृषि विधेयक कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक 2020” और “कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020” पारित हो गए।
राज्यसभा में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री ने कृषि से जुड़े दो बिलों को राज्यसभा में प्रस्तुत किया था। इस बिल के माध्यम से किसान अपनी फसल किसी भी जगह पर मनचाही मूल्य पर बेचने के लिए स्वतंत्र होगा। इन विधेयकों से किसानों को महंगी फसलें उगाने का अवसर मिलेगा।
कृषि बिलों पर चर्चा के समय शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल ने दोनों विधेयकों को पंजाब के किसानों के विरुद्ध बताते हुए उन्हें प्रवर समिति में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार को पंजाब के किसानों को कमजोर नहीं समझना चाहिए।
राज्यसभा में कृषि बिल के प्रावधानों पर चर्चा के समय भारी हंगामा हुआ। प्रातः से इसी पर बहस भी हो रही थी लेकिन दोपहर होते-होते बहस हंगामे में बदल गई। सदन में चर्चा के समय कांग्रेस ने विधेयक को किसानों के डेथ वारंट पर हस्ताक्षर करने जैसा बताया।
जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधेयक पर उत्तर दे रहे थे उसी समय यह हंगामा हुआ। उत्तर से असंतुष्ट कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद वेल में पहुंच गए। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी स्वतंत्र का कहना था कि राज्यसभा का समय ना बढ़ाया जाए। मंत्री का उत्तर कल होना चाहिए क्योंकि अधिकतर सदस्यों की यही इच्छा है।
तद्पश्चात विपक्षी नेताओं ने उपसभापति की कुर्सी के पास आकर नारेबाजी आरम्न्भ कर दी थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन वेल में पहुंच गए और उपसभापति को रुल बुक दिखाने लगे और देखते ही देखते उन्होंने रुल बुक फाड़ दिया। इस पर्यंत डेरेक ओ ब्रायन सभापति हरिवंश के बिल्कुल ही करीब पहुंच गए। वहां खड़े मार्शल ने बड़ी ही कठिन से डेरेक ओ ब्रायन को वहां से हटाया।
राज्यसभा में इन दो बिलों पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया था। इन बिलों को राज्यसभा में प्रस्तुत करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह दोनों बिल ऐतिहासिक हैं और किसानों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाले हैं।
“भारतीय कृषि इतिहास के लिये ऐतिहासिक क्षण”: प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी
दोनों विधेयकों के सदन से पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की है। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए मोदी ने लिखा कि “भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।”
मोदी ने कहा कि “दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।”
एक अन्य ट्वीट में मोदी ने लिखा कि “हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को सहायता मिलेगी। अब इन बिलों को पारित होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि श्रेष्ठतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।”