नयी दिल्ली – उन्नाव दुष्कर्म कांड में पीड़िता के पिता की हत्या के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तीस हजारी न्यायालय ने इस मामले में सात अन्य दोषियों समेत 10 वर्ष के कारावास का दण्ड दिया है। इसके अतिरिक्त न्यायालय ने 10 लाख के अर्थदंड का भी निर्णय सुनाया। यह राशि पीड़िता को दी जाएगी ।
न्यायालय ने इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर समेत सात आरोपियों को दोषी माना था, जबकि अन्य 4 को दोषमुक्त कर दिया था।
पीड़िता के पिता की मृत्यु 9 अप्रैल, 2018 को पुलिस अभिरक्षा में हो गई थी।
दण्ड पाने वालों मे उत्तर प्रदेश पुलिस के दो अधिकारी भी सम्मिलित हैं। एक उस समय के माखी थाना के एसएचओ थे, वहीं दूसरा उस समय के माखी थाना का सब इंस्पेक्टर था।
भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर ने 2017 में कथित रूप से महिला का अपहरण कर दुष्कर्म किया था, जब वह नाबालिग थी ।
न्यायालय ने गत वर्ष 20 दिसंबर को सेंगर को लड़की के दुष्कर्म के आरोप में जेल भेज दिया था।
इस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर यह मामला दिल्ली की तीस हजारी न्यायालय में स्थान्तरण कर दिया गया था। दिल्ली न्यायालय ने दोषी सेंगर को 20 दिसंबर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सेंगर पर 25 लाख रुपए अर्थदंड भी निर्धारित किया गया था।
कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द की जा चुकी है। चार बार से निरंतर विधायक रहा कुलदीप कभी चुनाव नहीं हारा। उसने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की अलग-अलग सीटों से तीन बार चुनाव जीता। वह 2002 में पहली बार बहुजन समाज पार्टी से सदर, 2007 में सपा से बांगरमऊ और 2012 में भगवंतनगर से चुनाव जीता था । 2017 में उसने भाजपा से बांगरमऊ सीट से चुनाव जीता था ।