पटना / बेतिया – बिहार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग पश्चिम चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) में असम राज्य के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से गैंडों के स्थान्तरण के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को एक प्रस्ताव भेजने के तैयारी कर रही है।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक समय में गैंडों की संख्या बहुत अधिक थी, यद्यपि, समय बीतने के साथ यह संख्या कम हो गई और आज रिजर्व में मात्र एक ही गैंडा रह गया है।
वन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि गैंडों को रिजर्व में लाने के लिए एक सुरक्षा मूल्यांकन समिति उनके उपयुक्त प्राकृतिक वास के चयन पर कार्य कर रही है।
दीपक कुमार ने बताया कि सुरक्षा मूल्यांकन समाप्त होने के बाद विभाग राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) को एक औपचारिक प्रस्ताव भेजेगा।
एनटीसीए के अनुमोदन पर विभाग काज़ीरंगा और पटना चिड़ियाघर से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व तक गैंडों को स्थानांतरित कर सकेगा।
वर्तमान में पटना चिड़ियाघर में 11 गैंडे हैं , जिसमें छह नर और पांच मादा हैं। यह बताया गया है कि चिड़ियाघर ने गैंडों को दिल्ली, कानपुर, रांची और हैदराबाद स्थित चिड़ियाघरों में भेज चुका है। एक गैंडे को अमेरिका भी भेजा गया था।
अधिकारियों ने आगे बताया कि 2.5 एकड़ क्षेत्र में फैले गैंडों के लिए एक प्रजनन सुविधा को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। गैंडों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करने और संभोग में मदद करने के लिए यह एक झील और घास का मैदान भी होगा।