नई दिल्ली – कोरोनावायरस के कारण विश्व में फंसे भारतीयों को लाने हेतु सरकार का वंदे भारत मिशन गुरुवार को आरम्न्भ हो गया। मिशन के दूसरे दिन आज सिंगापुर से एयर इंडिया की पहली उड़ान भारतीयों को लेकर दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली पहुंची।
चार अन्य देशों से भी आज एक-एक उड़ान आएगी।
बांग्लादेश से 167 लोग आएंगे जो जम्मू कश्मीर के रहने वाले हैं और वहां चिकित्सा अध्ययन के लिए गए थे।
सिंगापुर-दिल्ली | सुबह 8.35 बजे | दोपहर 12 बजे |
रियाद-कोझिकोड | दोपहर 12.45 बजे | रात 8.30 बजे |
ढाका-दिल्ली | सुबह 11 बजे | दोपहर 1 बजे |
बहरीन-कोच्चि | शाम 4.30 बजे | रात 11.30 बजे |
दुबई-चेन्नई | दोपहर 2.50 बजे | रात 8.10 बजे |
वंदे भारत मिशन के अंतर्गत पहली उड़ान अबू धाबी से 177 भारतीयों को लेकर गुरुवार रात 10 बजकर 9 मिनट पर कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन पहुंची। 5 व्यक्तियों में कोरोनावायरस के लक्षण दिखने पर उन्हें पृथक्रकरण कक्ष में भेज दिया गया। कोच्चि विमान पत्तन पर सामाजिक दूरी के साथ व्यक्तियों को बाहर निकाला गया।
दूसरी उड़ान दुबई से 182 यात्रियों को लेकर रात 10 बजकर 45 मिनट पर कोझिकोड पहुंची।
7 मई से प्रारंभ हुए इस मिशन का पहला चरण 13 अप्रैल तक चलेगा। इस पर्यंत 12 देशों से 64 विमानों में 14 हजार 800 व्यक्तियों को लाने की योजना है।
1990 के खाड़ी युद्ध के बाद यह सबसे बड़ा एयरलिफ्ट ऑपरेशन है। खाड़ी युद्ध के समय 1.70 लाख भारतीय वायुमार्ग से देश में लाए गए थे।
विदेशों में फंसे व्यक्तियों को लाने हेतु सरकार ने जो नियम तय किए हैं उनके अनुसार व्यक्तियों को उड़ान का किराया स्वयं ही देना होगा। अमेरिका से आने वाली उड़ान का किराया सबसे अधिक एक लाख रुपए होगा। लंदन से आने वालों को 50 हजार रुपए देने होंगे।
नौसेना के जहाज से समुद्र के रास्ते भी विदेशों से भारतीयों को लाने हेतु ऑपरेशन समुद्र सेतु आरम्न्भ किया गया है। इस ऑपरेशन के अंतर्गत मालदीव से दो चरणों में 2 हजार भारतीय निकाले जाएंगे। नौसेना के जहाज आईएनएस जलाश्व के माध्यम से आज 1000 व्यक्तियों को निकाला जाएगा।