अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर ताइवान की ओर से चायनीज़ कोरोनावायरस को लेकर दी गई आरंभिक चेतावनियों को नजरअंदाज कर राजनीति करने को प्राथमिकता देने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया। ताइवान ने इस विषय पर संयुक्त राष्ट्र निकाय प्रमुख की ओर से की गई आलोचना पर आक्रोश व्यक्त किया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वैश्विक महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे डब्ल्यूएचओ के वित्तपोषण को रोकने की धमकी देकर आक्रमणकारी हो गए हैं।
आलोचकों का कहना है कि ट्रंप की तरफ से डब्ल्यूएचओ के विरुद्ध अचानक दी जा रही धमकियां किसी विदेशी बली के बकरे को ढूंढने की राजनीतिक षड़यंत्र लगती है क्योंकि कोविड-19 को नियंत्रित करने और इस संबंध में अधिक प्रयास नहीं करने को लेकर अभी ट्रंप की खूब आलोचना हो रही है। चायनीज़ कोरोनावायरस संक्रमण से अब तक अमेरिका में करीब 15,000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
ट्रंप ने जनवरी में स्वयं कहा था कि अमेरिका का चायनीज़ कोरोनावायरस पर ‘‘पूरी तरह नियंत्रण’’ है और अनुमान जताया था कि तापमान बढ़ने के बाद अप्रैल तक यह रोग चली जाएगी।
डब्ल्यूएचओ के विरुद्ध ट्रंप की आक्रमकता के विषय में विस्तार से सूचना देते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 को लेकर चेतावनी जारी करने में बहुत देर की और चीन का पक्ष लिया। मंत्रालय ने प्रश्न उठाया कि निकाय ने ताइवान की सूचना का संज्ञान क्यों नहीं लिया।
मंत्रालय को एक प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका, ‘‘इस बात से स्तब्ध है कि ताइवान की सूचना को वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय से क्यों छिपा कर रखा गया जैसा कि डब्ल्यूएचओ के 14 जनवरी, 2020 के वक्तव्य में दिखता भी है कि उसने कहा था कि मानव से मानव में संक्रमण का कोई संकेत नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ डब्ल्यूएचओ ने एक बार फिर जन स्वास्थ्य की बनिस्पत राजनीति को चुना है। ’’
प्रवक्ता ने 2016 से पर्यवेक्षक रहे ताइवान की सूचना को नजरअंदाज करने के लिए डब्ल्यूएचओ की आलोचना की। प्रवक्ता ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के इस कदम के कारण से ‘‘समय और जीवन’’ दोनों का क्षय हुआ।
ताइवानी राजनयिक शेन शिएन-जेन ने कहा कि चीन के निकट स्थित होने और करीबी संबंध होने के होते हुए भी ताइवान में विषाणु के कारण केवल पांच मृत्यु हुई। उसने 31 दिसंबर को ही मनुष्य से मनुष्य में संक्रमण फैलने के विषय में डब्ल्यूएचओ को आगाह किया था।
महामारी विशेषज्ञ शेन ने ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ को बताया कि ताइवान के चिकित्सकों को पता चल गया था कि वुहान में उनके सहयोगी रोग ग्रसित हो रहे थे लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इस सूचना की पुष्टि करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने बुधवार को एकजुटता का आग्रह करते हुए कहा कि जन स्वास्थ्य संकट आरम्न्भ होने के बाद से उनका कई बार अपमान किया जा चुका है। यद्यपि उन्होंने अमेरिका का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिया लेकिन ताइवान का सीधे-सीधे नाम लिया।
ताइवान ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए माफी की भी मांग की थी। टेड्रोस के आलोचकों का कहना है कि उनके नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ बीजिंग से अधिक करीबी दिखा रहा है और चायनीज़ कोरोनावायरस को लेकर दी गई चीन की प्रतिक्रिया की प्रशंसा भी करता रहा है।