शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने सोमवार को कहा कि अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) अयोध्या में 5एकड़ भूमि नहीं लेना चाहते हैं तो सरकार को वह भूमि शिया वक्फ बोर्ड को दे देना चाहिए। बोर्डवहां भगवान राम के नाम पर चिकित्सालय बनवाएगा। वहां मंदिर-मस्जिद के अतिरिक्त गुरुद्वारा और चर्च भी होगा।
वसीम रिजवी ने कहा- पूरी दुनिया में भगवान राम के नाम पर कोई विवाद नहीं है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद की तुलना में पहले जन्म लेने वाला कोई भी महान पैगंबर का पूर्वज है। गर्व होना चाहिए क्योंकि हजारों वर्ष पहले भगवान राम यहां पैदा हुए थे।
जमीन को लेकर कल होगा निर्णय सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 26 नवंबर को लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित बोर्ड के कार्यालय में बैठक बुलाई है। इस पर्यंत उच्चतम न्यायलय द्वारा दिए गए निर्णय पर विचार होगा। बोर्ड चेयरमैन जुफर फारुकी ने बताया- बैठक में हम लोग तय करेंगे किफैसले के अनुपालन में बोर्ड को क्या करना है? बोर्ड यह निर्णय भी करेगा किपांच एकड़ भूमि उसे कुबूल है या नहीं। अगर भूमि लेनी चाहिए तो वहां मस्जिद के अतिरिक्त क्या-क्या निर्माण होगा।
40 दिन सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायलय ने दिया निर्णय श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस में 40 दिनों की सुनवाई के बाद 9 नवंबर को उच्चतम न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की खंडपीठ ने अपना निर्णय सुनाया था। न्यायलय ने कहा था- जन्मभूमि रामलला विराजमान की है। राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार 3माह के भीतर ट्रस्ट का गठन करे। जबकि, अयोध्या के किसी प्रमुख स्थान पर सरकार मस्जिद बनवाने के लिए 5एकड़ भूमि मुस्लिम पक्षकारों को दे। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और वकील जफरयाब जिलानी ने पुर्नविचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया। जिलानी ने कहा- उन्हें उसी जगह पर मस्जिद के लिए भूमि दी जाए।